Ranchi: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren) से जुड़े पत्थर खदान के लीज से संबंधित दस्तावेजों की सत्यापित कॉपी चुनाव आयोग (Election Commission) को भेज दी गई है. 18 अप्रैल को चुनाव आयोग की ओर से मिले लेटर के आलोक में मुख्य सचिव ने रिपोर्ट भेजी है. हालांकि झारखंड सरकार (Jharkhand Government) को रिपोर्ट देने के लिए 15 दिनों का वक्त दिया गया था. इसकी मियाद 3 मई को खत्म होने वाली थी.
दरअसल, पूर्व सीएम रघुवर दास (Raghubar Das) ने फरवरी महीने में राज्यपाल रमेश बैस (Ramesh Bais) से मिलकर शिकायत की थी कि मुख्यमंत्री के पद पर रहते हुए हेमंत सोरेन ने खदान लीज ली है. इसपर राज्यपाल ने धारा 191 और 192 के तहत अपनी संवैधानिक शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए शिकायती पत्र को चुनाव आयोग के पास भेजा था. अब चुनाव आयोग ने इस पर आगे की कार्रवाई के लिए मंथन शुरू कर दिया है.
क्या कहा गया है शिकायत पत्र में
(1) CM ने लोक सेवक के रूप में अपने पद का गलत स्तेमाल करते हुए अपने नाम पर पत्थर का माइनिंग लीज लिया है. ऐसे में उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 13(2) के तहत कार्रवाई की जानी चाहिए. (2) केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा मंत्रियों के लिए जारी आचार संहिता(कोड ऑफ कंडक्ट) में निहित प्रावधानों के मुताबिक किसी शख्स के मंत्री या मुख्यमंत्री बनने के बाद दो माह के अंदर उसे खुद को अपनी पुरानी व्यावसायिक गतिविधियों से अलग कर लेना है. (3) CM का माइनिंग लीज लेना लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 9ए के दायरे में है. प्रावधानों के तहत किसी सदस्य द्वारा सरकार के साथ व्यापारिक गतिविधियों के लिए करार करने पर उसे अयोग्य घोषित किया जा सकता है.
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