Jamshedpur: रूस-यूक्रेन युद्ध (Ukraine-Russia War) के दौरान देश की सबसे पुरानी स्टील कंपनी टाटा स्टील ने बड़ा फैसला लिया है. टाटा स्टील ने रूस के साथ कारोबार बंद करने का निर्णय लिया है. टाटा स्टील के तरफ से बताया गया कि कंपनी का रूस में न तो कोई परिचालन है, न ही वहां उसके कर्मचारी हैं. हमने रूस के साथ कारोबार बंद करने का फैसला सोच-विचार कर किया है.
टाटा स्टील के तरफ से बताया गया कि कारोबारी निरंतरता के लिए कंपनी के भारत, ब्रिटेन और नीदरलैंड के सभी इस्पात विनिर्माण संयंत्रों ने कच्चे माल की वैकल्पिक आपूर्ति का प्रबंध किया है. इससे उनकी रूस पर निर्भरता खत्म हो गई है. कंपनी रूस से अपने अलग-अलग परिचालनों के लिए रूस से सीमित मात्रा में कोयला खरीदा है. टाटा स्टील ने कहा कि भारत, ब्रिटेन और नीदरलैंड में कंपनी के सभी इस्पात निर्माण स्थलों ने रूस पर अपनी निर्भरता को समाप्त करने के लिए कच्चे माल की वैकल्पिक आपूर्ति की है.
टाटा स्टील उन कुछ मुट्ठी भर भारतीय कंपनियों में से है, जिन्होंने रूस के साथ व्यापार बंद कर दिया है, जबकि भारत ने आक्रमण की निंदा करने से परहेज किया है और मॉस्को पर प्रतिबंध नहीं लगाया है. कंपनी ने कहा कि भारत, यूके और नीदरलैंड में टाटा स्टील के सभी विनिर्माण स्थलों ने रूस पर निर्भरता को समाप्त करने के लिए कच्चे माल की वैकल्पिक आपूर्ति की है. वहीं, नाम जाहिर न करने की शर्त पर टाटा स्टील के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि रूस से कोयले का सोर्सिंग छोटा था. बता दें कि रूस के यूक्रेन पर आक्रमण का विरोध करने के कई आधिकारिक मौकों पर भारत अनुपस्थित रहा. ना ही भारत ने रूस पर किसी तरह के आर्थिक प्रतिबंध लगाए गए हैं. इसे लेकर भारत पर कई पश्चिमी देशों की ओर से लगातार दबाव बना हुआ है.
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