34th National Sports Scam: 34वें राष्ट्रीय खेल घोटाला मामले में झारखंड हाईकोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है. कोर्ट ने कहा है कि अब इस घोटाले की जांच CBI करेगी. पिछले 12 सालों से इस मामले की ढुलमुल तहकीकात को देखते हुए इसे अदालत के बड़े फैसले के रूप में माना जा रहा है. कोर्ट ने अपने आदेश में साफ़ रूप से कहा है कि खेल आयोजन में खरीदे गए सामानों में जो गड़बड़ियां हुई है उसकी तफ्तीश की जानी चाहिए इसके साथ ही खेलगांव निर्माण में जो गड़बड़ियां हुई है उसकी भी तफ्तीश होनी चाहिए.
आदालत ने सीबीआई को इस बात की भी जांच करने का निर्देश दिया है कि एसीबी के किन अधिकारियों के चलते इस मामले की जांच में देरी हुई है। साथ ही अदालत ने कहा कि राज्य सरकार सीबीआई को संसाधन और फाइल उपलब्ध कराएगी। अगर राज्य सरकार की ओर से कमी की जाती है तो सीबीआई हाईकोर्ट को इसकी सूचना देगी। इसके बाद अदालत इस पर आदेश पारित करेगी. इससे पहले झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि पिछले 12 वर्षों से इस मामले की जांच चल रही है लेकिन जानबूझकर इसे पूरा नहीं किया जा रहा है. इसमें बड़े-बड़े लोगों की संलिप्तता है ऐसे में इस मामले की जांच का जिम्मा CBI को सौंपी जाए.
आपको बता दें कि सीबीआई खेल सामग्री घोटाला के साथ- साथ मेगा स्पोर्ट्स कम्प्लेक्स घोटाले की जांच करेगी. कम्प्लेक्स के निर्माण में करीब 200 करोड़ का घोटाला हुआ है. विधानसभा कमेटी ने ACB से जांच कराने को कहा था लेकिन स्पोर्ट्स कम्प्लेक्स मामले की जांच अबतक नहीं हुई है. बता दें कि 2011 में 34 वें राष्ट्रीय खेल का आयोजन झारखंड में किया गया था. जिसमें लगभग 28 करोड़ से अधिक रुपए के घोटाले का आरोप लगाया गया था. जिसके बाद मामले की जांच का जिम्मा एसीबी को दिया गया था. एसीबी वर्ष 2010 से मामले में केस दर्ज कर जांच कर रही है, लेकिन जांच अभी तक पूर्ण नहीं हो सका. जांच की लचर स्थिति को देखते हुए झारखंड अगेंस्ट करप्शन, सेंटर फॉर आरटीआई एवं सुशील कुमार ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग की थी. उसी याचिका पर सुनवाई हुई जिस पर अदालत ने मामले की सीबीआई से जांच कराने का आदेश दिया है.
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