झारखंड में डॉक्टरों की हड़ताल, बेपटरी हुई स्वास्थ्य व्यवस्था

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Jharkhand News: राजस्थान के दौसा (Dausa) में इलाज के दौरान गर्भवती की मौत हो गयी, और उसके बाद रांची में पली बढ़ी डॉ अर्चना शर्मा (Dr.Archana Sharma) पर 302 की प्राथमिकी दर्ज की गई थी. इसके बाद डॉ अर्चना ने दबाव में आकर आत्महत्या (Suicide) कर ली. इस घटना हदसा के बाद से ही झारखंड के डॉक्टर आंदोलित है. झासा, आईएमए झारखंड (IMA Jharkhand) और एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट हॉस्पिटल ऑफ इंडिया (Association of Private Hospitals of India) झारखंड के आह्वान पर राज्य भर के सभी चिकित्सक कार्य बहिष्कार पर हैं.

दरअसल, डॉक्टरों की एक दिवसीय हड़ताल का असर राज्य की चिकित्सा व्यवस्था पर पड़ है. इमरजेंसी सेवा छोड़ कर सभी सेवाओं के बाधित होने की वजह से अस्पताल पहुंचने वाले लोग बिना इलाज कराएं लौटने को मजबूर हैं. डॉक्टरों के एक दिवसीय कार्य बहिष्कार की वजह से रिम्स, सदर अस्पताल, सभी CHC, निजी अस्पताल और क्लिनिक में डॉक्टरों मरीजों को नहीं देख रहे हैं. वहीं, डॉक्टरों की मांग है कि राज्य में जल्द से जल्द मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट (Medical Protection Act) लागू किया जाए.

जानकारी के लिए आपको बता दे की झारखंड स्टेट हेल्थ सर्विसेस एसोसिएशन झासा के प्रदेश सचिव विमलेश सिंह (Wimlesh Singh) ने कहा कि डॉ अर्चना शर्मा की मौत से राज्य भर के डॉक्टर दुखी और आक्रोशित हैं, क्योंकि वह रांची रिम्स से ही मेडिकल की पढ़ाई की थी. उन्होंने कहा कि डॉक्टर पर 302 की धारा लगाना बंद हो और डॉ अर्चना शर्मा मामले में दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई हो. डॉ विमलेश सिंह ने कहा कि झारखंड में मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट जल्द लागू किया जाए.

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