Dhanbad: झारखंड में डायन के नाम पर हिंसा लगातार बढ़ रही है. धनबाद में एक महिला पर डायन बिसाही होने का आरोप लगाकर गांव वालों ने पूरे परिवार को सामाजिक बहिष्कार कर दिया जिसके बाद अब वो थाने में रहने को मजबूर हैं. मामला निरसा थाना अंतर्गत बेजना गांव का है.पीड़ित परिवार ने इंसाफ के लिए थाना और पुलिस अधिकारियों से गुहार लगायी है. गांव छोड़ने के फरमान के बाद परिवार ने 26 मार्च से रामकनाली में शरण ले रखी है. आरोप है कि रिश्तेदारों व गांववालों ने डायन का आरोप लगा महिला और उसके परिवार को प्रताड़ित किया तथा मारपीट की.
परिवार के पीड़ित शख्स मंझियाइन ने बताया कि उनके गांव में लगभग 25 परिवार हैं. गांव के मुखिया समेत सभी परिवार के लोग डायन बताकर आए दिन मारपीट करते हैं और अब उन्हें गांव से भी बाहर निकाल दिया है. इतना ही नहीं गांव में लोगों को उनका बहिष्कार करने का आदेश भी दिया गया है. वहीं, शिकायत मिलने पर बुधवार की शाम निरसा एसडीपीओ पीतांबर सिंह खरवार, निरसा थाना प्रभारी दिलीप यादव मामले की जांच करने बैजना गांव पहुंचे. पुलिस ने पंचायत प्रधान पूनम देवी के पति अजय पासवान के अलावा रंजीत पासवान को बुलाया. श्री खरवार ने पीड़ित पक्ष व दूसरे पक्ष के ग्रामीणों से अलग-अलग पूछताछ कर जानकारी ली.
मंझियाइन की बेटी ने बताया कि उसके गांव में किसी महिला की मौत हो गई थी जिसके बाद से ही गांव के मुखिया समेत सभी गांव वालों ने मिलकर उसके घर के मुख्य द्वार पर दीवार बनवाकर आने-जाने का रास्ता बंद कर दिया. इससे भी जब ग्रामीणों को मन नहीं भरा तो पूरे परिवार को घर से भगा दिया. वहीं, गांव के लोगों का कहना है कि उनलोगों ने कहीं भी दीवार खड़ी कर द्वार बंद नहीं किया है. पीड़िता के घर से होकर आने-जाने का रास्ता है. जहां दीवार खड़ी की गयी है, वह दूसरे हिस्सेदार की जमीन है. ग्रामीणों ने बकायदा बैठक कर दीवार खड़ी की है. किसी को डायन नहीं बताया गया है और न मारपीट की गयी है. लगाये गये आरोप सरासर गलत हैं.
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