Ranchi :मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन (CM Hemant Soren) के आदेश के बाद गुमला के किताम गांव निवासी जयंती लकड़ा 14 साल तक लापता रहने के बाद मंगलवार को अपने गांव वापस पहुंच गई है. जयंती 14 साल पहले चैनपुर से लापता हो गई थी.
कुछ वक्त पहले पता चला कि वह पंजाब में है. इसके बाद CM के निर्देश पर श्रम विभाग (Labour Department) के राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष की प्रयासों से उसे पंजाब से दिल्ली होते हुए रांची लाया गया. मंगलवार को उसे परिवार वालों के साथ गुमला के किताम गांव भेज दिया गया. जयंती लकड़ा गुमला के डुमरी प्रखंड के किताम गांव की निवासी है. वह संत अन्ना चैनपुर में खाना बनाने का काम करती थी. परिवार वालों के अनुसार वह करीब 14 वर्ष पहले लापता हो गई थी. लापता हो जाने के बाद वह पंजाब में मिली, जहां उसे काफी भटकना पड़ा था.
वहीं, पंजाब में उसे गुरुनानक वृद्धा आश्रम में शरण मिली. यह मामला 9 अक्तूबर 2021 को राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष के पास पहुंचा. CM हेमन्त सोरेन को जब मामले की खबर मिली, तो उन्होंने जयंती लकड़ा को वापस झारखंड उसके परिवार वालों के पास पहुंचाने का निर्देश दिया. जयंती लकड़ा के परिजन और पंजाब स्थित गुरुनानक वृद्ध आश्रम से लगातार बात कर उसे रांची तक लाने की इंतेज़ाम की गई.
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