पटना : बिहार में नई सरकार के गठन ने बाद 12 फरवरी को फ्लोर टेस्ट होना है. इससे पहले सभी राजनीतिक पार्टियां अपने विधायकों को एकजुट कर यह संदेश दे रही हैं कि. उनके यहां सब ठीक चल रहा है. वहीं एक ओर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और एनडीए के सामने विश्वास मत हासिल करने का लक्ष्य है. तो वहीं विपक्षी पार्टियां स्पीकर की कुर्सी बचाने तथा नयी सरकार को विश्वास मत में परास्त करने की प्रयास करने में जुटी है. इसी बीच हैदराबाद में कैंप कर रहे कांग्रेस विधायक दिन रविवार को चाटर्ड प्लेन से पटना पहुंचेंगे. ऐसा माना जा रहा है कि उन्हें भी उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के सरकारी आवास पर रखा जाएगा.
वहीं कोंग्रेसी विधायकों के पटना पहुंचने से पहले प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह तेजस्वी यादव के आवास पहुंचे. जहां पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी भी पहुंची और विधायकों से मुलाकात की. वहीं बता दें कि कांग्रेस विधायकों को किसी भी संभावित टूट से बचाने के लिए उन्हें पहले दिल्ली फिर वहां से सीधे हैदराबाद बुला लिया गया था. फिलहाल पांच दिनों से कांग्रेसी विधायक हैदराबाद में जमें हुए हैं. रविवार को सभी विधायक पटना लौटना है.
ज्ञात हो कि 12 फरवरी सोमवार बिहार की सियासत का एक महत्वपूर्ण दिन है. इस दिन नयी NDA सरकार विश्वास मत पेश करेगी. लेकिन उससे पहले मौजूदा स्पीकर RJD के अवध बिहारी चौधरी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा होगी. सीएम को विश्वास मत हासिल करने के लिए सदन में 122 से अधिक विधायकों के समर्थन की जरूरत होगी. फिलहाल सदन में मांझी की पार्टी के चार विधायकों के समर्थन के साथ ही NDA के पक्ष में 128 विधायक एकजुट हैं. लेकिन फ्लोर टेस्ट से पहले विपक्ष की ओर से लगातार खेला होने का दावा किया जा रहा है.
फ्लोर टेस्ट से पहले बिहार जबरदस्त सियासी हलचल देखने को मिल रही है. पहले तेजस्वी यादव ने कहा कि खेला होना अभी बाकी है. वहीं अब सभी पार्टियां विधायकों की खरीद-फरोख्त से बचाने में लगी हुई हैं. टूट की आशंका को लेकर सभी पार्टियां अलर्ट हैं. भोज, बैठक और प्रशिक्षण के बहाने सभी पार्टियां अपने विधायकों को एकजुट रखने में जुटी हुई है. RJD ने जहां अपने विधायकों को तेजस्वी यादव के बंगले में कैद कर रखा है, वहीं BJP ने गया में अपना ठिकाना बनाया है.
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