झारखंड : रांची राज्य के सबसे बड़े हॉस्पिटल रांची के रिम्स (Rajendra Institute Of Medical Sceinces) में लापरवाही का आलम आए दिन देखने को मिलता है। ताजा मामला ऐसे मरीजों से जुड़ा है जो अति गंभीर हैं या फिर जिंदगी और मौत से लड़ रहे हैं। दरअसल, रिम्स के न्यू ट्रॉमा सेंटर के पास लगे कूड़ेदान और आस-पास पसरे गंदगी से वहां भर्ती मरीजों को जहां इन्फेक्शन फैलने का खतरा है, तो वहीं आम लोग भी इससे परेशान हैं।
रिम्स के न्यू ट्रॉमा सेंटर के पास फैले गंदगी से रिम्स के आस-पास बसे मुहल्ले में रहने वाले लोगों का भी बुरा हाल है। कोकर, तिरिल में रहने वाले कई लोगों ने बताया है कि वे किसी भी काम से बाहर जाते हैं और उन्हें किसी कारणवश ट्रॉमा सेंटर के बगल से गुजर ना पड़ा तो घर आकर कपड़े बदलने पड़ते हैं या फिर नहाने पड़ते हैं। ट्रॉमा सेंटर में अपने मरीज का इलाज कराने आए परिजन मनोज कुमार ने बताया है कि ट्रॉमा सेंटर के बाहर गंदा पानी बहता रहता है। कई बार एंबुलेंस से आ रहे मरीजों को इससे इन्फेक्शन होने का खतरा रहता है, लेकिन इसको देखने वाला कोई नहीं है।
वहीं, आसपास के दुकानदारों ने बताया है कि ट्रॉमा सेंटर के बगल में पहले ही तालाब होने की वजह से गंदगी पसरा रहता था। अब वहीं दूसरी ओर ट्रॉमा सेंटर के बगल में ही डस्टबिन का डब्बा भी लगा दिया गया है। डस्टबिन में पसरे गंदगी से दिन भर पानी चूता रहता है। डस्टबिन में मेडिकल वेस्ट फेंके जाते हैं, जिसमें इंजेक्शन लगाने वाले सिरिंज, नीडल, उपयोग किए ग्लव्स के साथ कई मेडिकल वेस्ट होते हैं। हॉस्पिटल के ट्रॉमा सेंटर के पास बहने वाली नाली का पानी भी दिन भर सड़क पर बहता रहता है, जहां पर नाले और डस्टबिन का गंदा पानी बहता है। उसी के आस-पास कई ठेले खोमचे भी लगते हैं। जहां पर हॉस्पिटल में आने वाले मरीज के परिजन चाय या फिर नाश्ता किया करते हैं, जो निश्चित रूप से कई बीमारियों को आमंत्रित करता है।
दरअसल, इस कुव्यवस्था और समस्या पर रिम्स के जनसंपर्क पदाधिकारी डॉ. राजीव रंजन ने बताते हैं कि इसको लेकर नगर निगम के पदाधिकारियों को सूचित किया गया है। निश्चित रूप से ट्रॉमा सेंटर के अंदर संवेदनशील एवं गंभीर मरीज रहते हैं। उनके आस-पास साफ-सफाई को सुनिश्चित कराना जरूरी है। उन्होंने कहा कि जल्द ही इसको लेकर नगर निगम के पदाधिकारियों से भी बात की जाएगी।
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