धनबाद: आईआईटी-आइएसएम से पास आउट स्टूडेंट अमन धनबाद में ही एक बुक कैफे चला रहा है. इस बुक कैफे में इंजीनियरिंग के स्टूडेंट्स पढ़ाई के साथ लजीज भोजन का भी लुत्फ उठा रहे हैं, छात्रों को पढ़ाई बोरिंग ना लगे, इसी सोच के साथ अमन के दिल में कुछ करने की तमन्ना उठी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वोकल फॉर लोकल और स्वरोजगार की बातों से अमन बहुत प्रभावित हैं, जिसके बाद उसने यह बुक कैफे की शुरुआत की.
धनबाद के सरायढेला स्थित वेबली हाउस दी ब्लांडेड बुक कैफे इन दिनों बहुत चर्चा का विषय बना हुआ है, जैसा कि नाम में ही जिक्र है, बुक कैफे यानी किताबें पढ़ने के साथ-साथ चाय, कॉफी और कई तरह के लजीज भोजन यहां मिलते हैं. स्टूडेंट्स यहां पहुंचते हैं और पढ़ाई के साथ साथ खाने-पीने की चीजों का आनंद उठाते हैं, यही पर कई तरह के कार्यक्रम का आयोजन भी इस बुक कैफे में होता है, अमन मूलरूप से दिल्ली का रहनेवाला है, साल 2019 में वह आईआईटी-आइएसएम से बीटेक इलेट्रिकल इंजीनियरिंग पास आउट है, प्लेसमेंट के तहत आईटी कंपनी में अमन का सेलेक्शन भी हुआ था.
अमन क्या कहते: बुक कैफे के संचालक अमन सिंह ने कहा कि अपने संस्थान में पढ़ाई के समय स्टूडेंट्स थोड़ा बोरिंग हो जाते हैं, अपने छात्र जीवन में मैने ऐसा अनुभव किया है. छात्रों को थोड़ा रिलैक्स होना बहुत जरूरी है, रिलैक्स होने के बाद उनका दिमाग तारो ताजा हो जाता है, पढ़ाई के दौरान जो कठिनाई या फिर छात्रों के साथ आने वाली जो समस्या को हमने महसूस किया, उसके बाद इस बुक कैफे का ओपन ख्याल मन में आया, अमन ने बताया कि पीएम मोदी की वोकल फॉर लोकल और स्वरोजगार से जोड़ने की बातों से मैं बेहद प्रभावित हुआ हूं, लगातार पीएम नरेंद्र मोदी देश के युवाओं को नौकरी के पीछे भागने की बजाय स्वरोजगार के पीछे अपनी मेहनत और आइडिया लगाने के लिए प्रेरित करते रहे हैं।
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