रांची. निलंबित आईएस अधिकारी पूजा सिंघल (Suspended IAS Pooja Singhal) की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं. राज्य सरकार ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा साझा की गयी सूचना के आधार पर विधि विभाग से राय मांगी है. राज्य सरकार ने विधि विभाग से प्राथमिक दर्ज करने के संबंध में सुझाव मांगा है.
दरअसल, प्रवर्तन निदेशालय ने मनरेगा घोटाले की जांच के बाद इससे संबंधित पहली रिपोर्ट नवंबर 2022 में राज्य सरकार को भेजी थी. ED की इसी रिपोर्ट के आधार पर पूजा सिंघल, सीए सुमन कुमार (CA Suman Kumar) और 6 जिला खनन पदाधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था और इस मामले की जांच अबतक चल रही है. ईडी ने इस मामले में कई अहम सबूत कोर्ट में सौंपे हैं.
हालाकिं, प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले की जांच करने के बाद प्रथम चरण में आरोप पत्र दायर किया है. इस मामले में जांच से मिले फैक्ट्स और आरोप पत्र की कॉपी राज्य सरकार को भेज दी थी। सीए सुमन कुमार, के साथ
अन्य 6 जिला के खनन पदाधिकारी ब्योरा राज्य सरकार को भेजा गया था. इन अहम जानकारियों के आधार पर इस मामले में आरोपियों के खिलाफ खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर प्राथमिकी दर्ज की जानी है.
वहीं, ध्यान रहे कि इस वक्त पूजा सिंघल जमानत पर बाहर हैं. सुप्रीम कोर्ट ने पूजा सिंघल को एक माह की अंतरिम जमानत दी है. उन्हें अपनी बेटी के साथ नोएडा में रहने की इजाजत दी गयी है। उन्हें रांची नहीं आने का आदेश दिया गया है. वह तबतक रांची से दूर रहेगी जबतक इस मामले की जांच चल रही है. निलंबित आईएएस पूजा सिंघल को करीब 8 माह बाद बिरसा मुंडा केंद्रीय कारावास से रिहा हुई थी. इस दौरान वह कई बार रिम्स (RIMS) में भर्ती रहीं.
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