दुबई में नये साल का जश्न मनाने के बाद धोनी अपने परिवार के साथ रांची वापसी कर चुके हैं. रांची आने के बाद वे फिर से अपने कामों में मशगुल हो गए. एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए धोनी बीते शनिवार को रांची से केरल पहुंचे. दरअसल, धोनी अपने करीबी मित्र डॉक्टर शाजिर गफ्फार के पिता प्रोफेसर गफ्फार की आत्मकथा ‘अनजान साक्षी’ के विमोचन के लिए खास तौर पर रांची से केरल के कासरगोड पहुंचे. इस मौके पर उन्होंने एजुकेशन और टीचर के प्रति अपने विचार व्यक्त किए.
धोनी ने कहा…
धोनी ने कार्यक्रम के दौरान अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा- मेरा खेलने में ध्यान था। इसलिए मैं कभी कॉलेज नहीं गया ,लेकिन मुझे लगता है कि मैंने जीवन में अच्छा ही किया.’’ धोनी का मानना है कि. शिक्षा एक प्रोफेशन से ज्यादा कला है. आगे उन्होंने कहा कि वे शिक्षकों के बड़े प्रशंसक हैं और कहा- टीचर को अपने स्टूडेंट्स को समझाने के लिये बहुत मेहनत करनी होती है. हर छात्र का IQ level अलग होता है और आपको सभी को समझाना होता है. IQ level जिसका काम होता है उसे समझाने में अधिक टाइम लगता है और जिसका IQ level अधिक होता है उसे समझाना आसान होता है लकिन टीचर सभी स्टूडेंट्स को साथ लेकर चलता है .
इसमें आप छात्रों को अनुशासित करके उनके मजबूत और कमजोर पक्ष बताते हैं . मैं हमेशा से अपने स्कूल के शिक्षकों का बड़ा प्रशंसक रहा हूं .
वहीं आपको बता दें कि धोनी ने B.Com तक पढ़ाई की हुई है. लेकिन क्रिकेट पर फोकस होने के कारण उन्होंने कॉलेज जाकर रेगुलर पढ़ाई नहीं की.
Average Rating