Islam Wedding: झारखंड के धनबाद जिला के झरिया से एक मामला सामने आई है। जहां शहर के इमामों ने शादी-विवाह में होने वाले फिजूलखर्च को रेकने के लिए एक ठोस पहल की है। दिल्ली जामा मस्जिद के मुफ्ती मसूद अख्तर कादरी (Mufti Masood Akhtar Qadri) की सलाह पर धनबाद के इमामों ने फैसला लिया है कि इस्लाम के मुताबिक होने वाले निकाह में डीजे व आतिशबाजी नहीं होगी। साथ ही निकाह रात 11 बजे के पहले संपन्न करा लिया जाएगा। इस नियम का उल्लंघन करने वालों पर 5100 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। यह नियम 2 दिसंबर से लागू होगा।
दरअसल, झरिया मनबाद मस्जिद के इमाम मौलाना असरार ने बताया कि शादी ब्याह में लोगों पर सामाजिक प्रतिष्ठा का दबाव रहता है। ऐसे में, दिखावे में जरूरत से ज्यादा खर्च करते हैं। इस्लाम यह नहीं कहता कि शादी-विवाह में डीजे व आतिशबाजी में फिजूलखर्च किया जाए। कई लोग दिखावे के लिए कर्ज लेकर भी ऐसा करते हैं. इससे उनकी परेशानी बढ़ती है. साथ ही कई बार बारात में गाजे-बाजे व डांस के कारण अप्रिय स्थिति बन जाती है। वहीं आतिशबाजी भी हादसे की वजह बनती है। यह नियम लागू होने से लोगों को इससे भी निजात मिलेगा।
वहीं, मौलाना असरार ने बताया अब हर हाल में रात 11 बजे तक निकाह कर लेना अनिवार्य होगा। किसी कारण यदि देरी हुई तो उस दिन निकाह नहीं पढ़ाया जाएगा। निकाह अगले दिन सुबह फजर की नमाज के बाद होगा। यदि कोई व्यक्ति इस नियम को तोड़ता है तो उसे 5100 रुपये का जुर्माना भरना होगा। नियम का उल्लंघन करने वालों को कमेटी में लिखित माफीनामा भी देना होगा। उन्होंने बताया कि शादी ब्याह में देर होने से परिवार के सदस्यों के साथ-साथ घर में आए मेहमानों को भी परेशानी होती है।
Average Rating