Engineering studies in Hindi: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) की घोषणा के बाद हिंदी में इंजीनियरिंग की पढ़ाई (Engineering studies in Hindi) की तैयारी शुरू हो चुकी है। यूपी की डॉ एपीजे अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी (AKTU) में इंजीनियरिंग की पढ़ाई हिंदी में होगी। खासतौर पर हिंदी मीडियम के छात्रों के लिए इस योजना को तैयार किया गया है। बीटेक की किताबों का हिंदी में अनुवाद भी शुरू हो गया है. कई किताबों का हिंदी अनुवाद का काम भी पूरा कर लिया गया है। यूनिवर्सिटी से मिली जानकारी के मुताबिक, इसी सत्र से बीटेक फर्स्ट ईयर की पढ़ाई हिंदी में शुरू हो जाएगी।
दरअसल, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने 15 अक्टूबर को MBBS के साथ इंजीनियरिंग की पढ़ाई हिंदी में कराने की ऐलान की थी। उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा था, ‘उत्तर प्रदेश में मेडिकल और इंजीनियरिंग की कुछ पुस्तकों का हिंदी में अनुवाद कर दिया गया है। आगामी वर्ष से प्रदेश के विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में इन विषयों के पाठ्यक्रम हिंदी में भी पढ़ने के लिए मिलेंगे।’ एक रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश सरकार ने एमबीबीएस के 3 साल की किताबों का हिंदी अनुवाद करने के लिए 3 सदस्यीय पैनल का गठन किया है जिसमें जैन रसायन, शरीर रचना और चिकित्सा शरीर विज्ञान शामिल हैं।
वहीं, यूपी में अब B.Tech की पढ़ाई हिंदी में होगी। प्रदेश की अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी (Abdul Kalam Technical University) ने इसकी पहल शुरू कर दी है. सबसे पहले प्रथम वर्ष के छात्रों के लिए हिंदी माध्यम से इंजीनियरिंग की पढ़ाई उपलब्ध होगी। AKTU से मिली जानकारी के मुताबिक, छात्रों को ये सुविधा देने के लिए अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) काम कर रहा है।
जानकारी के लिए आपको बता दें की, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद बीटेक प्रथम वर्ष की किताबों का हिंदी में अनुवाद कर रहा है। इससे छात्रों को हिंदी में पढ़ाई के लिए किताबें और रीडिंग मैटेरियल उपलब्ध हो सकेगा. ये इसलिए भी जरूरी है क्योंकि इंजीनियरिंग की तकनीकी शब्दावली को हिंदी में अनुवाद कर सही तरह से पेश किया जाना अहम है। कई विषयों की किताबों का हिंदी अनुवाद हो चुका है तो कुछ विषयों की किताबों का अनुवाद चल रहा है। जल्द ही ये किताबें छात्रों के लिए उपलब्ध होंगी।
एकेटीयू (AKTU) के वीसी प्रोफेसर पीके मिश्रा ने हाल ही में कहा था कि हिंदी में बीटेक की पढ़ाई से बहुत से छात्रों को फायदा होगा। साथ ही ये भी स्पष्ट किया था कि अगर कोई शब्दावली टेक्निकल रूप से अंग्रेजी में ही है तो शिक्षक हिंदी माध्यम के छात्रों को इस शब्द की अवधारणा को समझाएंगे. ये भी तय किया गया है कि इसके लिए विश्वविद्यालय के शिक्षकों को ट्रेनिंग भी दी जाएगी।
दरअसल, राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) में कहा गया था कि हिंदी मीडियम छात्रों के लिए भी तकनीकी विषय और इंजीनियरिंग की पढ़ाई सुलभ होनी चाहिए. उसी के तहत ये पहल की जा रही है. हिंदी में किताबों के आने के बाद जहां हिंदी मीडियम से पढ़ाई करने वाले बीटेक के छात्रों के लिए पढ़ाई आसान होगी तो वहीं ग्रामीण पृष्ठभूमि के छात्रों के लिए भी इंजीनियरिंग की पढ़ाई आसान हो सकेगी। फिलहाल भाषा की वजह से बहुत से मेधावी छात्र इसमें पिछड़ जाते हैं।
हालाकिं, अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी और उससे सम्बद्ध कॉलेजों में हिंदी के 1 साल की पढ़ाई हो सकेगी. इसके लिए परीक्षा के पैटर्न में भी बदलाव किया जाएगा। इसमें अंग्रेजी के साथ हिंदी का भी प्रश्नपत्र होगा। ये छात्र पर निर्भर होगा कि किस भाषा में छात्र परीक्षा देना चाहते हैं. अभी यूनिवर्सिटी में प्रथम वर्ष के लिए एडमिशन चल रहे हैं और नवंबर 2022 से पढ़ाई शुरू हो जाएगी।
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