Jharkhand News: झारखंड में बिजली महंगी हो सकती है. हालांकि, राज्य विद्युत नियामक आयोग ने बिजली की दर में बढ़ोतरी संबंधी बिजली वितरण निगम के प्रस्ताव पर स्पष्टीकरण मांगा है. आयोग को सौंपी गई रिपोर्ट में बिजली वितरण निगम की वार्षिक रिपोर्ट में कुल 6500 करोड़ रुपये का नुकसान दिखाया गया है. इसकी वजह पिछले 2 वित्तीय वर्ष में दर में बढ़ोतरी नहीं होने को बताया गया है.
दरअसल, झारखंड बिजली वितरण निगम ने चालू वित्तीय वर्ष में विद्युत नियामक आयोग द्वारा बिजली टैरिफ पर निर्णय नहीं लेने के कारण कुल 1800 करोड़ रुपये का नुकसान दिखाया है. कुल मिलाकर बिजली वितरण निगम ने वित्तीय वर्ष 2022-23 में कुल 9000 करोड़ का खर्च दिखाया गया है. नियामक आयोग की जांच में इस पर सवाल उठाते हुए स्पष्टीकरण मांगा गया है। निगम इसपर अद्यतन रिपोर्ट पेश करेगा. इसके लिए एक सप्ताह का वक़्त दिया गया है.
वहीं, बिजली वितरण निगम के ताजा प्रस्ताव के अनुसार बिजली की वतर्मान दर में 16-17 प्रतिशत बढ़ाने की मांग की गई है. अभी प्रस्ताव की जांच चल रही है. आयोग पूरी तरह संतुष्ट होने वाले जनसुनवाई की प्रक्रिया आरंभ करेगा। जनसुनवाई इसी माह से आरंभ किए जाने की संभावना है. यह सभी प्रमंडलों में होगा. इसके बाद टैरिफ का निर्धारण किया जाएगा.
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