Sahibganj :मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन (CM Hemant Soren) आज साहिबगंज जिले के पतना प्रखंड स्थित धरमपुर में मीडियकर्मियों से बात कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी पर तंज कस्ते हुए कहा कि बाबूलाल फ्रीलांसर बन गए हैं. बाबूलाल मरांडी निज स्वार्थ के लिए गलत रास्ते पर चल रहे हैं. स्वतंत्र पत्रकार की तरह वह स्वतंत्र राजनीत का उदाहरण बनने जा रहे हैं. जहां उनका मन करता है वही जाकर वह कहने लगते हैं. अब देखिए उनको यह रास्ता कहां तक ले जाता है.
आदिवासी और मूलवासी 1932 को लेकर काफी खुश है
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि 1932 खतियान आधारित स्थानीयता के बारे में अभी भी लोगों के मन में संशय बना हुआ है और यह संशय सिर्फ इसलिए है क्योंकि जो प्रस्ताव पारित हुआ है उसे लोगों ने ठीक से नहीं पढ़ा है. इसके पैमाने को ठीक से नहीं समझा गया है. वह जैसे ही प्रस्ताव को सही ढंग से समझ लेंगे वैसे ही जिनके मन में संशय है वह दूर हो जाएगा. आदिवासी और मूलवासी 1932 को लेकर काफी खुश है. वहीं, CM सोरेन ने उस लिफाफे का भी जिक्र किया जो 25 अगस्त को झारखंड में निर्वाचन आयोग (Election Commission) के द्वारा राज्यपाल रमेश बैस (Ramesh Bais) को सौंपा गया था. उन्होंने कहा कि उस लिफाफे के बारे में तो क्या ही कहा जाए. वह लिफाफा शादी के में नाराज उस फूफा की तरह हो गया है जो साइड में जाकर बैठा होता है. उस लिफाफे के बारे में सिर्फ राज्यपाल ही कुछ बता सकते हैं.
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