Politic In Jharkhand: झारखंड विधानसभा के विस्तारित सत्र पर सबकी निगाहें टिकी थीं। सदन में दिन के करीब 1 बजकर 2 मिनट पर मत विभाजन की प्रक्रिया शुरू हुई। अगले 4 मिनट के अंदर आसन से विधानसभा अध्यक्ष रबीन्द्रनाथ महतो (Assembly Speaker Rabindranath Mahto) ने विश्वास मत के पक्ष में 48 मत और विरोध में शून्य की घोषणा कर दी। बीजेपी के 25, आजसू के दो और निर्दलीय 2 विधायक इस दौरान मत विभाजन का विरोध करते हुए सदन से वॉक ऑउट कर चुके थे. लेकिन इससे पहले सदन में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Chief Minister Hemant Soren) अपने तेवर में दिखे।
दरअसल, हेमंत सोरेन ने कहा कि सदन के बाहर और अंदर UPA कितना मजबूत है, ये बताना जरूरी है। उन्होंने बीजेपी पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि अब बीजेपी देश बेचने के साथ- साथ झंडा बेचने में भी लगी है। उन्होंने वेल में पहुंचे बीजेपी सदस्यों की तरफ इशारा करते हुए कहा कि जब से 2019 का चुनाव हारे, इन्हें बैठने में दिक्कत हो रही है। देश में व्यपारियों का कर्ज माफ हो जाता है, पर जरूरत मंदों का नहीं।
हेमंत सोरेन ने दुमका की बेटी की हत्या का जिक्र करते हुए कहा कि 3 ब्राह्मण नेता गए थे निशिकांत दुबे, मनोज तिवारी और कपिल मिश्रा। लेकिन दुमका के सांसद सुनील सोरेन को नहीं ले गए। ये इनके मनुवादी सोच को दर्शाता है। बाद में जब दूसरी घटना घटी तब बाबूलाल मरांडी के बगल में बैठकर सुनील सोरेन गए।
हालाकिं, मुख्यमंत्री ने कहा कि इन्होंने एक सर्वे कराया है जिसमें इनका सुपड़ा साफ की बात सामने आई है। विधानसभा नहीं लोकसभा के चुनाव में ही हकीकत का पता लग जायेगा। आज देश के अंदर गृह युद्ध जैसी स्थिति है। केंद्र सरकार ज्यादातर राज्यों से सिर्फ लड़ाई ही लड़ रही है। ऐसे में देश का कैसे विकास होगा, चुनाव आयोग ने अपना परामर्श राजभवन को भेजा है। लेकिन अब तक राजभवन ने नहीं बताया कि उसमें क्या है। हेमंत सोरेन शिबू सोरेन का बेटा है, वो कभी ना डरा है और ना डरेगा।
वहीं, हेमंत सोरेन ने कहा कि बाबूलाल मरांडी गिरगिट से भी ज्यादा तेजी से रंग बदलते हैं। OBC का आरक्षण किसने घटाया ये उन्हें बताना चाहिये। 1932 के खतियान के आधार पर स्थानीय नीति और OBC को 27 प्रतिशत आरक्षण पर सरकार लगातार आगे बढ़ रही है। विपक्ष की तरह इशारा करते हुए कहा कि केंद्र सरकार से आप इसको पूरा कराइये। बीजेपी का हाल मुंह में राम – बगल में छुरी वाली है। कब क्या करेंगे कहना मुश्किल है। राज्यपाल को बताना चाहिये कि मुख्यमंत्री के मामले में क्या हुआ।
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