Ranchi : झारखंड में हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार ने सोमवार को झारखंड विधानसभा के विशेष सत्र में एक बार फिर विश्वास मत हासिल किया है. 81 सदस्यीय सदन में विश्वास मत के प्रस्ताव पर सरकार के पक्ष में 47 मत पड़े, जबकि भाजपा और आजसू पार्टी के सदस्यों ने मत विभाजन के समय सदन का बहिष्कार कर दिया. इस बीच मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren) ने भाजपा पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि भाजपा को आदिवासी, दलित, गरीब विरोधी बताया. कहा कि इनके मुख में राम और बगल में छुरी होती है. इन्हें लूटकर खाने की आदत रही है. ये सामंतवादी और मनुवादी लोग हैं, जिनकी वजह से आज तक कोई आदिवासी, दलित आगे नहीं आ पाया. उन्होंने कहा कि ये लोग आदिवासी महिला को राष्ट्रपति बनाकर आदिवासी CM की सत्ता छीनने का प्रयास कर रहे हैं.
CM हेमंत ने कहा कि विपक्ष के साथी कह रहे हैं कि सरकार के पास बहुमत है, तो विश्वास मत की क्या जरूरत है. उन्होंने कहा कि यह जरूरी है, क्योंकि सरकार यह साबित करना चाहती है, देश और राज्य की जनता को बताना चाहती है कि UPA की हमारी सरकार स्थिर है. साल 2019 से अब तक कोरोना जैसी वैश्विक महामारी का हमने मुंहतोड़ जवाब दिया. झारखंड जैसे पिछड़े राज्य को हमारी सरकार ने संभाला है. हेमंत सोरेन ने कहा कि UPA गठबंधन को ये सौभाग्य प्राप्त हुआ कि यह महामारी हमारे कार्यकाल में आयी. अगर उनके कार्यकाल में आया होता, तो यहां के दलितों, आदिवासियों, मजदूरों का क्या होता, यह कहना मुश्किल है. इनके आलाकमान तो भाषणों में बोलते हैं कि हवाई चप्पल वालों को हवाई जहाज में चढ़ायेंगे, लेकिन उन्हें सड़क पर चलने के लायक भी नहीं छोड़ा. भीख मांगने के लिए मजबूर कर दिया.
CM सोरेन ने झारखंड के पूर्व CM रघुवर दास (Raghubar Das) पर भी हमला बोला. रघुवर दास का नाम लिये बगैर उन्होंने कहा कि इनकी सरकार हाथी पर उड़ती थी. इन्होंने ऐसे-ऐसे कारनामे किये हैं, जिसे लिखना शुरू कर दें, तो कलम की स्याही खत्म हो जायेगी. कहा कि मनुवादी सोच को बढ़ावा दिया जा रहा है. देश को बांटने की कोशिश हो रही है. वहीं, झारखंड के मुख्यमंत्री ने कहा कि साल 2014 से अब तक देखेंगे, तो पायेंगे कि राज्य के अलग होने के बाद इन लोगों ने सत्ता में बैठकर राज्य की दुर्गति कर दी है. उसका करारा जवाब साल 2019 में झारखंड की जनता ने दिया. उस लाठी का दर्द ये आज भी बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं. राजनीतिक तौर पर हमारा मुकाबला नहीं कर पा रहे, तो संवैधानिक संस्थाओं को भेजकर राज्यों की लोकप्रिय सरकारों को अस्थिर करने का कोशिश किया जा रहा है.
वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री हेमंत ने कहा कि ‘न खायेंगे, न खाने देंगे’ का नारा लगाने वाले, ‘सबका साथ-सबका विकास’ का नारा देने वाले इनके आलाकमान किसी का साथ नहीं देते. किसी को साथ लेकर नहीं चलते. सिर्फ चंद कॉर्पोरेट व्यापारियों की मदद करने के लिए पूरे देश को इन लोगों ने ताक पर रख दिया है. आज गरीबों को पेंशन देने के पैसे इनके पास नहीं हैं. ये कहते हैं कि सरकारें रेवड़ियां बांटती हैं. मुख्यमंत्री सोरेन ने कहा कि व्यापारियों का कर्ज माफ किया जाता है, तो उसको रेवड़ी बांटना कहते हैं.
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