Islamabad :पाकिस्तान की सरकार ने बाढ़-बारिश से बद्तर हालातों के बीच राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा कर दी है. पाकिस्तान के राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) के आंकड़ों के अनुसार बारिश और बाढ़ से अब तक 1000 लोगों की मौत हो चुकी है. पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार, सबसे ज्यादा बुरी स्थिति पाकिस्तान के सिंध प्रांत की हुई है. 14 जून से लेकर अब तक यहां बाढ़-बारिश के चलते 306 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. इसके बाद 234 मौतें बलूचिस्तान प्रांत में दर्ज की गई हैं. खैबर पख्तूनख्वा में 185 तो पंजाब में 165 लोगों की मौत हुई है. बता दें कि असामान्य बारिश के चलते पूरे देश में और खासतौर पर दक्षिणी पाकिस्तान में अचानक बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं.
पाकिस्तान के जलवायु परिवर्तन मंत्री शेरी रहमान ने बताया कि NDMA में प्रधान मंत्री शहबाज शरीफ (Shahbaz Sharif) ने एक ‘वॉर रूम’ बनवाया है. यह देशभर में राहत कार्यों का नेतृत्व करेगा. उन्होंने कहा कि लगातार हो रही बारिश के वजह से राहत कार्यों को अंजाम देना मुश्किल होता जा रहा है. राहत कार्य के लिए हेलिकॉप्टर का उपयोग किया जा रहा है, लेकिन खराब मौसम होने के वजह से हेलिकॉप्टर उड़ाने में भी परेशानी हो रही है.
मंत्री शेरी रहमान ने बताया कि इस बार पाकिस्तान में मानसून का असर बेहद अधिक है. इससे पहले ऐसे स्थिति 2010 में देखे गए थे, लेकिन तब भी हालात आज से बेहतर ही थी. अचानक आई बाढ़-बारिश के वजह से देशभर में कई पुल और आवागमन के रास्ते पानी में बह गए हैं. इधर बारिश से हालात खराब होने के कारण सिंध की सरकार ने केंद्र सरकार से 10 लाख टेंट मांगे हैं. वहीं, बलूचिस्तान ने भी एक लाख टेंट की मांग की है. वहीं, मानवीय मामलों के समन्वय के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (ओसीएचए) के अनुसार, भारी मानसूनी वर्षा और बाढ़ ने जून के मध्य से पाकिस्तान में लगभग 2.3 मिलियन लोगों को प्रभावित किया है, कम से कम 95,350 घरों को नष्ट कर दिया है और कुछ 224,100 को नुकसान पहुंचा है. इस बीच पाकिस्तान की सूचना मंत्री मरियम औरंगजेब ने विदेश में रह रहे पाकिस्तानियों सहित दूसरे देशों से भी मदद के लिए आगे आने का आग्रह किया है.
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