बोकारो में फर्जी बैंक चलाने वाले गिरहो को पुलिस ने दबोचा, दो लोगों को किया गिरफ्तार

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Crime In Jharkhand
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Crime In Jharkhand: झारखंड की बोकारो जिले से एक हैरान कर ने वाला मामला सामने आया है। यहां पुलिस ने बैंक ऑफ इंडिया की शाखा के नाम से संचालित फर्जी शाखा चला रहे गिरोह का पर्दाफाश किया है। चंदनकियारी में फर्जी बैंक खोल अवैध रुपए उगाही करने के 2 आरोपियों को गिरिफ्तार किया गया है। संदेह होने पर मकान मालिक ने ही थाना में शिकायत की थी जिसके बाद चंदनकियारा प्रखंड मुख्यालय स्थित सुभाष चौक पर दत्ता कांप्लेक्स में बैंक ऑफ इंडिया की फर्जी शाखा का खुलासा हो सका।

इस रैकेट के खुलासे से सैकड़ों ग्रामीण और स्कूली विद्यार्थी ठगे जाने से बच गए। पुलिस ने ठग गिरोह के एक सदस्य चास के आदर्श कालोनी निवासी कुंदन तिवारी और बोकारो सेक्टर 12 निवासी वरुण कुमार को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने उक्त मकान में संचालित कार्यालय से बैंक ऑफ इंडिया व बैंक ऑफ बड़ौदा में खाता खोलने का फार्म, लक्ष्मी लाडली योजना से संबंधित फार्म व मोहर समेत अन्य कागजात व फाइल जब्त किए हैं। मकान मालिक चंदनकियारी सुभाष चौक निवासी तपन दत्ता के लिखित बयान पर चंदनकियारी थाना पुलिस ने गिरोह के सरगना दिलीप महतो, वरुण कुमार, श्यामलाल महतो व कुंदन तिवारी समेत 8 लोगों पर जालसाजी कर ठगी करने के प्रयास की प्राथमिकी लिखा है।

थाना प्रभारी चंचल कुमार ने बताया कि मकान मालिक की सतर्कता से फर्जीवाड़ा गिरोह का पर्दाफाश हुआ है, जहां कई चीजें बरामद की गई हैं। आरोपियों द्वारा विद्यार्थियों के बैंक ऑफ इंडिया व बैंक ऑफ बड़ौदा का फोटो व पहचान पत्र संलग्न खाता खोलने का फॉर्म लक्ष्मी लाडली योजना का फॉर्म मुहर बरामद कर कुंदन तिवारी और वरुण को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया साथ ही अन्य की तलाश व अनुसंधान जारी है।

दरअसल, मकान मालिक तपन दत्ता ने पुलिस को बताया है कि दिलीप महतो ने बैंक ऑफ इंडिया की शाखा खोलने के लिए उनके मकान को पंद्रह 15 हजार रुपये प्रति माह किराया पर लिया। यहां 10 अगस्त से प्रति दिन 2 चारपहिया वाहन में 8 से 10 लोग अधिकारी व कर्मी के नाम पर पहुंचते थे, जिसमें दिलीप महतो स्वयं को शाखा प्रबंधक बताता था। कार्यालय खुलते ही क्षेत्र के स्कूली विद्यार्थियों का बैंक खाता का फार्म भरने के अलावा लक्ष्मी लाडली योजना से संबंधित फार्म भी भरा जा रहा था, जब उन्होंने दिलीप महतो से किराया मांगा तो उसने इकरारनामा के उपरांत किराया देने की बात कही।

हालाकिं, इस पर उन्हें संदेह हुआ उन्होंने 18 अगस्त को बैंक के स्वीकृति पत्र की मांग की। इस पर दिलीप महतो आनाकानी करने लगा। अचानक से 20 अगस्त को दिलीप महतो ने चास निवासी कुंदन तिवारी को मकान खाली करने के लिए भेज दिया, इससे उनका संदेह और बढ़ गया। तत्काल उन्होंने चंदन कियारी थाना पुलिस को सूचित करते हुए वहां रखे कागजातों के साथ कुंदन तिवारी को पुलिस के हवाले कर दिया। कुंदन की गिरफ्तारी के बाद अन्य कर्मी फरार हो गए हैं।

 

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