Jamshedpur: झारखंड के जमशेदपुर के घाघीडीह सेंट्रल जेल में कैदी की हत्या के मामले में ADJ 4 राजेंद्र सिन्हा की कोर्ट ने 15 आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई है. वहीं, इस घटना में मनोज सिंह के साथी को गंभीर रूप से जख्मी करने के मामले में 7 आरोपियों को 10 साल की सजा सुनाई है. जमशेदपुर अदलात का पहला केस है, जब किसी बड़े मामले में सभी आरोपियों को सजा सुनायी गयी है.
इन आरोपियों को मिली सजा
जिन दोषियों को फांसी की सजा सुनाई गई है उनमें बासुदेव महतो, रामेश्वर अंगारिया, गंगा खंडैत, अरुप कुमार बोस, रमाय करुवा, जानी अंसारी, अजय मल्लाह, पंचानंद पात्रो, गोपाल तिरिया, पिंकू पूर्ति, श्यामू जोजो, संजय दिग्गी, रामराय सुरीन, शिवशंकर पासवान, शरत गोप को फांसी की सजा सुनायी गयी है. वहीं, जिन लोगों को 10 साल की सजा सुनाई गई है उनमें ऋषि लोहार, सुमित सिंह, संजीत दास, तौकीर, सौरभ सिंह, सोनू लाल और शोएब अख्तर उर्फ शिवा को आजीवन कारावास की सजा सुनायी गयी है.
जाने पूरा मामला
जमशेदपुर के घाघीडीह सेंट्रल जेल में 25 जून 2019 को टेलीफोन बूथ पर बात करने को लेकर अखिलेश सिंह गिरोह के हरीश सिंह और सजायाफ्ता कैदी पंकज दुबे के बीच झगड़ा हुआ था. इसमें हरीश सिंह गिरोह के सदस्य सुमित सिंह, मनोज कुमार सिंह, अविनाश श्रीवास्तव सहित अन्य लोग थे, उन्होंने पंकज दुबे की जमकर पिटाई कर दी. इस हमले के विरोध में सजायाफ्ता कैदियों ने हंगामा करते हुए हरीश सिंह गुट पर हमला कर दिया. हमले के बीच मनोज सिंह भागकर जेल के आरुणि कक्ष के ऊपरी तल्ले में छिप गया. इसके बाद 15 सजायाफ्ता कैदी और चार कक्षपाल उसके अंदर घुस गए और मनोज सिंह की पीट-पीटकर हत्या कर दी. मनोज सिंह को जेल से एमजीएम अस्पताल लाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया. इस मामले में हरीश सिंह पर अलग से केस चल रहा है.
मामले को हाई कोर्ट ने संज्ञान में लिया था
जेल में हत्याकांड के मामले को हाई कोर्ट ने संज्ञान में लिया था. मामले में न्यायिक प्रकिया के दौरान अनुसंधान में घटना को अंजाम देने वालों की पहचान कर आगे की कार्रवाई की गई. मामले में जमशेदपुर न्यायलय ने अपना फैसला सुना दिया है.
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