पुलिस से मुठभेड़ में मारे गए उग्रवादी लाका पाहन, नाबालिग से दुष्कर्म और अन्य 61 केस दर्ज थे

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Jharkhand News: झारखंड के खूंटीं जिले में पुलिस से मुठभेड़ में बुधवार को मारे गए उग्रवादी लाका पाहन (Militant Laka Pahan)। वह पिछले 2 सालों से पुलिस के लिए चुनौती बना हुआ था, उस पर एक नबालिग से बलात्कार और अन्य 61 केस दर्ज थे।

जानकारी के लिए आपको बता दे की, झारखंड पुलिस के प्रवक्ता सह आईजी अभियान अमोल होमकर ने बताया कि 7 साल जेल में रहने के बाद लाका साल 2020 में जेल से छूटा था। इसके बाद लाका फिर से संगठन में सक्रिय हो गया था। पुलिस मुख्यालय के रिकॉर्ड के मुताबिक, लाका के खिलाफ रांची, खूंटी, चाईबासा में कुल 61 केस दर्ज था। लाका पाहन की गतिविधियों को देखते हुए राज्य पुलिस मुख्यालय ने 5 लाख का इनाम घोषित करने का प्रस्ताव तैयार किया था। लेकिन इनाम की राशि घोषित होने से पूर्व ही लाका मुठभेड़ में मारा गया। हाल में ही पुलिस के हाथ एक प्रेस नोट लगा था जिसमे यह जिक्र था कि पीलएफआई (PLFI) ने वर्तमान में लाका को दक्षिणी छोटानागपुर जोनल कमिटी का सचिव बनाया था। पूर्व में लाका पीएलएफआई में सबजोनल कमांडर था।

वहीं, राज्य पुलिस मुख्यालय के आईजी अभियान (IG Campaign) अमोल वी होमकर के अनुसार हाल के दिनों में लाका पाहन ने कई बड़ी वारदात को अंजाम दिया था। 12 अप्रैल को अड़की के चैंपी के पास एक महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म की वारदात को लाका पाहन समेत अन्य उग्रवादियों ने अंजाम दिया था। इस मामले में उसके खिलाफ अड़की थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी। वहीं 5 जनवरी की रात तिरला, पीड़ीटोली में एक वृद्ध दंपती को डायन बताते हुए मारपीट कर लाका समेत अन्य ने मौत के घाट उतार दिया था। इस मामले में भी लाका नामजद आरोपी था।

दरअसल पीएलएफआई संगठन (PLFI) में सुप्रीमो दिनेश गोप (Dinesh Gop) के बाद सेकंड चीफ जिदन गुड़िया (Chief Zidane Doll) हुआ करता था। जिदन को पुलिस ने पिछले साल एनकाउंटर में मार गिराया था। जिदन के मारे जाने के बाद उसका सारा काम लाका पहन ही देख रहा था।

 

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