ईंट भट्‌ठे के ऊपर सो रहे 3 लोगों की दम घुटने से मौत !

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3 people sleeping on top of the brick kiln died of suffocation!
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Chhattisgarh : बलरामपुर जिले में ईंट भट्‌ठे के ऊपर सो रहे 3 लोगों की दम घुटने से मौत हो गई है. तीनों शराब के नशे में थे. रात को कंबल ओढ़कर सोए थे. फिर सुबह उठे ही नहीं. आस-पास के लोग जब मौके पर पहुंचे, तब पूरे मामले का पता चल पाया है. मामला गणेशमोड़ चौकी क्षेत्र का है.

जानकारी के अनुसार, ग्राम पंचायत खजुरी अंतर्गत कोटपाली निवासी राजदेव(28) ने अपनी ही जमीन पर ईंट भट्‌ठा बनाया है. यहां रविवार दोपहर को भट्‌ठे में आग लगाई गई थी. इसके बाद देर शाम तक मजदूर काम कर रहे थे. काम करने के बाद मजदूर वापस लौट गए थे.

हालांकि, बताया गया कि रात के राजदेव अपने जीजा बनवा चेरवा (40), रिश्तेदार छोटू चेरवा (20) और गांव के ही एक युवक अजय चेरवा को लेकर वहां पहुंचा था. यहां पहुंचने के पहले चारों ने साथ में शराब पी थी. खाना भी खाया था. यहां पहुंचने के बाद सीढ़ी के सहारे चारों भट्ठे पर चढ़े और कंबल ओढ़कर सो गए थे.

वहीं जानकारी मिली है कि शराब के नशे में होने के कारण रात को ही अजय चोरवा नीचे गिर गया. फिर भी उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था और वह जमीन पर ही सो गया. उधर बाकी के तीनों शख्स कंबल ओढ़कर सो रहे थे. इस बीच जब अगले दिन अजय उठा और आस-पास के लोग मौके पर पहुंचे. तब उन्होंने देखा कि सुबह देर तक सोकर ही नहीं उठे हैं. उनकी तरफ से कोई मूवमेंट नहीं था.

इसके बाद अजय फिर से ऊपर चढ़ा और उसने तीनों को देखा कि तीनों की मौत हो गई है. घटना के बाद उसने तुरंत परिजनों को इस बात की सूचना दीे. पुलिस को भी पूरे घटनाक्रम के बारे में बताया गया. जिसके बाद पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और शवों को अपने कब्ज़े में लेकर पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेजा गया है.

खजूरी कोटपाली के टुहलु पाथर में बनवा चेरवा ने ईंट बनाने भट्ठे का निर्माण किया था. खुद के उपयोग के लिए ईंट बनाने की बात सामने आ रही है. रविवार को ईट भट्ठे के नीचे आग जलाकर भट्ठे के ऊपर अपने रिश्तेदार राजदेव चेरवा व अंबिकापुर के ग्राम असोला से आए साले 20 छोटू के साथ सो रहे थे. मृतकों में जीजा-साला शामिल है. तीसरा भी उनका नजदीकी रिश्तेदार है.

इस मामले में ASP सुशील नायक ने बताया है कि राजदेव ने ईंट पकाने के लिए लकड़ी से भट्ठे में आग लगाई थी. कड़ाके की ठंड से बचने के लिए वे भट्ठे की मेड़ में चढ़ गए थे. रात को कंबल ओढ़कर सोने के कारण तीनों का दम घुट गया होगा. लकड़ी के धुएं के चलते ऑक्सीजन की कमी होने के कारण उनका दम घुटने की आशंका है.

ग्रामीण क्षेत्रों में इस सीजन में लोग खुद के उपयोग के लिए ईंट,खप्पर बनाने जाने की परपंरा पुरानी है. बलरामपुर जिले में तो कच्चे ईंट,खप्पर को लकड़ी से पकाया जाता है. बताया जा रहा है कि गणेशमोड़ पुलिस चौकी क्षेत्र के ग्राम खजूरी में भी ग्रामीणों ने कच्चा ईंट तैयार किया था. इसे पकाने के लिए व्यवस्थित तरीके से एक स्थान पर सभी को जमाकर रखा गया था. रविवार को लकड़ियों के माध्यम से पकाने की व्यवस्था भी कर ली गई थी. उसमें दोपहर बाद आग लगा दी गई थी.

दरअसल, इसी छोटे ईंट भट्ठे के ऊपर रविवार की रात 4 लोग सो रहे थे. सभी ने कंबल भी ओढ़ रखा था. सुबह तीन बजे अजय नामक युवक की तेज गर्मी के कारण नींद खुल गई थी. संतुलन बिगड़ने से वह कम ऊंचाई के भट्ठे से नीचे भी उतर गया था. इधर सुबह जब भट्ठे के ऊपर सो रहे लोगों की नींद नहीं खुली तो संदेह हुआ. अजय ने आवाज भी लगाई, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला, ऐसे में उसने गांव वालों को सूचना दी. गांव वाले मौके पर पहुंचे तो देखा कि तीनों युवक ने कंबल ओढ़ रखा था, लेकिन शरीर में कोई हलचल नहीं थी. कंबल हटा कर देखने पर पता चला कि तीनों की मौत हो चुकी है.

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