Crime In Gujarat : गुजरात के बोटाड जिले से एक बड़ी खबर सामने आई है। यहां जहरीली शराब पीने से अब तक 28 लोगों की मौत (28 People Died Due to Drinking Spurious Liquor) हो चुकी है। राज्य के पुलिस महानिदेशक आशीष भाटिया (Director General of Police Ashish Bhatia) ने इसकी पुष्टि की है। बोटाद पुलिस ने सोमवार रात भर तलाशी अभियान चलाया गया, जिसमें 600 लीटर मेथनॉल जब्त किया गया। अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने देर रात तक जहरीली शराब बनाने वाले मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।
गुजरात ड्राई स्टेट है। यहां शराब की बिक्री प्रतिबंधित है। ऐसे में इस तरह की घटना चौंकाने वाली है। गुजरात सरकार ने 2017 में शराबबंदी से जुड़े कानून को और सख्त बना दिया था, जिसके तहत राज्य की सीमा में शराब बिक्री पर 10 साल तक की सजा का प्रावधान है। अधिकारियों ने बताया कि भावनगर, बोटाद, बरवाला और धंधुका के विभिन्न सरकारी अस्पतालों में अब भी करीब 30 लोगों का इलाज चल रहा है। भावनगर रेंज के महानिरीक्षक अशोक कुमार यादव ने त्रासदी की जांच के लिए एक विशेष जांच दल ;का गठन किया है।
Botad spurious liquor tragedy | A total of 28 people have died in the tragedy: Gujarat DGP Ashish Bhatia pic.twitter.com/BlC5hZdMkT
— ANI (@ANI) July 26, 2022
दरअसल, बोटाद के पुलिस अधीक्षक करनराज वाघेला ने कहा कि करीब 30 लोगों का अलग-अलग अस्पतालों में इलाज चल रहा है। ज्यादातर लोग भावनगर में सर तख्तसिंहजी अस्पताल में भर्ती हैं। कुछ की हालत नाजुक है। उन्होंने बताया कि कुछ लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। पुलिस के अनुसार अहमदाबाद स्थित अमोस कंपनी के जयेश भबाई ने शराब बनाने के लिए कथित तौर पर रसायन की आपूर्ति की थी।
जानकारी के लिए आपको बता दे की, इस बीच बोटाद जिले के कांग्रेस नेता मनहर पटेल (Congress leader Manhar Patel) ने दावा किया है कि सोमवार को हुई इस त्रासदी में मरने वालों की संख्या 31 है, न कि 28 जैसा कि दावा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता ने रोजिड गांव के सरपंच जेडी डुंगरानी के साथ चार महीने पहले अवैध शराब को लेकर चेताया था। मंगलवार सुबह तक बोटाद ग्रामीण क्षेत्रों, विशेष रूप से बरवाला तालुका से 47 लोगों को भावनगर जिला सरकारी अस्पताल लाया गया।
वहीं, गुजरात में जहरीली शराब पीने से होने वाली मौतों पर दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल (Chief Minister Kejriwal) ने सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है, महानिषेध के बाद भी कैसे यह सब हो रहा है। ऐसे लोगों को राजनीतिक संरक्षण मिल रहा है, जिसकी जांच की जानी चाहिए। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि यह जांच का विषय है कि अवैध शराब की बिक्री का पैसा कहां जा रहा है।
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