Jharkhand News: 2 अफसरों को ACB ने घुस लेते किया था गिरफ्तार, जेल से बाहर आते ही बना थाना प्रभारी

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2 officers were arrested by ACB entering, station in-charge as soon as they came out of jail
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Khunti: एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने 2021 में 2 दरोगाओं को घुस लेते गिरफ्तार कर जेल भेजा था. जेल से बाहर आते ही उन्हें थाने की जिम्मेदारियां मिल गईं हैं. 2012 बैच की मीरा सिंह खूंटी महिला थाना की प्रभारी थीं, 25 फरवरी 2021 को ACB ने उन्हें 15000 रुपए घुस लेते गिरफ्तार किया था. दूसरी तरफ 2018 बैच के तत्कालीन तपकारा थाना प्रभारी विक्की ठाकुर को 29 सितंबर 10000 घुस लेते गिरफ्तार किया गया था. दोनों ही थाना प्रभारियों को थाने से गिरफ्तार किया गया था और मामले पर चार्जशीट भी सबमिट किया गया था. इसके अलावा दोनों पर विभागीय कार्रवाई भी चल रही है. बावजूद एक को रांची जिले के SSP ने तुपुदाना ओपी प्रभारी बना दिया जबकि खूंटी SP ने विक्की ठाकुर को खूंटी के मुरहू थाना में प्रतिनियुक्ति कर दिया गया है.

नियमानुसार 90 दिनों के भीतर विभागीय कार्रवाई का निष्पादन करना है, लेकिन खूंटी पुलिस लगभग डेढ़ साल बीत जाने के बाद भी विभागीय कार्रवाई पर कोई फैसला नहीं ले पाई है. इसके उलट दोनों ही पुलिस अफसरों को थानों में पदस्थापित कर दिया गया है. मीरा सिंह को रांची SSP ने तुपुदाना ओपी प्रभारी बनाया है. जबकि विक्की ठाकुर को मुरहू थाना में पदस्थापित कर दिया गया है. बता दें कि झारखंड के डीजीपी नीरज सिन्हा (DGP Niraj Sahu) ने ACB के भी DG हैं और इनके द्वारा ही दोनों भ्रस्ट पुलिस अफसरों को गिरफ्तार करवाकर जेल भिजवाया गया था. लेकिन अब इन्हें थाना प्रभारी का पद दिया गया है. जिससे इनके केस में जो गवाह हैं वह खौफ और दहशत में हैं. दोनों का केस खूंटी जिले से जुड़ा है.

तत्कालीन खूंटी महिला थाना प्रभारी मीरा सिंह पर आरोप था कि वे दुष्कर्म (Rape) के एक मामले में आरोपी को बचाने के लिए 50000 रुपचे की घुस ले रही थीं. पहली किश्त के तौर पर 15000 रुपये मांगे गए थे. इसके बाद घुस के पहली किस्त लेते वक्त ACB की टीम ने मीरा को रंगेहाथों गिरफ्तार किया था. जबकि तत्कालीन तपकारा थाना प्रभारी विक्की ठाकुर ने कुलदीप गुड़िया और उसकी मां के खिलाफ पीडीएस दुकान से अवैध राशन लेने और PLFI से संबंध रखने का लिखित आवेदन थाना को मिला था. थानेदार के द्वारा शिकायत आवेदन पर कार्रवाई नहीं करने की एवज में 10000 रुपये की मांग की जा रही थी. जानकारी के मुताबिक 90 दिनों के भीतर अगर निष्पादन नहीं होता है तो अवधि बढ़ाने के लिए DIG से इजाजत लेनी होती है, लेकिन इस केस में ये नहीं हुआ है. सूत्रों की माने तो मीरा सिंह ने अभी तक अपना प्रारंभिक स्पस्टीकरण भी समर्पित नहीं किया है. इधर, रांची के तुपुदाना वासी मीरा सिंह के पोस्टिंग से भयभीत हैं तो विक्की ठाकुर के मुरहू जाने से मुरहू वासी परेशान हैं.

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