झारखण्ड : विधायक सरयू राय ने दावा किया है कि जेनरिक दवाओं की खरीद में झारखंड में 150 से 200 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है. यह घोटाला भारत सरकार की दवा निर्माता कंपनियों और राज्य के स्वास्थ्य मंत्री के बीच सांठ-गांठ के कारण हुआ. सरयू ने गुरुवार को CBI के आईजी से उनके रांची स्थित कार्यालय में भेंट की और उनके माध्यम से CBI निदेशक को इस आशय का एक ज्ञापन सौंपा.
वहीं, सरयू राय ने बताया है कि झारखंड में वर्ष 2020 के आरंभ में स्वास्थ्य विभाग ने दवाओं की थोक खरीद के लिए खुला टेंडर निकाला. न्यूनतम दर वाले देने वाले को विभाग ने सूचित किया कि वह विभाग के साथ निर्धारित दर पर दवा आपूर्ति का एग्रीमेंट करें, जल्द दवा आपूर्ति करें. विधायक ने बताया है कि इस बीच भारत सरकार की दवा निर्माता कंपनियों ने स्वास्थ्य मंत्री को समझाया कि विभाग उनसे दवा खरीदे. मंत्री ने टेंडर से निर्धारित न्यूनतम दर पर दवा नहीं खरीद कर विभाग में एक संलेख तैयार कराया कि भारत सरकार की 5 दवा निर्माता कंपनियों से उनके द्वारा निर्धारित दर पर दवा खरीदी जाए. यह संलेख मंत्रिपरिषद में भेजकर स्वीकृति ली और टेंडर दर से 3-4 गुना अधिक दर पर दवा खरीदी.
हालांकि, सरयू राय ने बताया है कि दवाओं एवं मेडिकल उपकरणों की खरीद के लिये झारखंड सरकार ने एक लोक उपक्रम गठित किया है, जिसका नाम है झारखंड मेडिकल एंड हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट एंड प्रोक्यूमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड. इस उपक्रम ने दवाओं की खरीद के लिये 22 अप्रैल 2020 को एक निविदा प्रकाशित किया. निविदा निष्पादन के उपरांत विभिन्न दवाओं की आपूर्ति करने के लिए न्यूनतम दर वाले निविदादाता आपूर्तिकर्ताओं का चयन हो गया. निविदा के आधार पर चयनित दवा आपूर्तिकर्ताओं को 15 जून 2020 एवं बाद की अन्य तिथियों को निगम ने न्यूनतम दर का उल्लेख करते हुए पत्र भेजा कि वे 19 जून 2020 एवं अन्य संबंधित तिथियों तक इस बारे में एग्रीमेंट कर लें.
सरयू ने आरोप लगाया है कि षड्यंत्र में भारत सरकार के दवा निर्माता लोक उपक्रम शामिल हुए. सरकार के स्वास्थ्य मंत्री षड्यंत्र के सूत्रधार बने.
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